Tuesday, April 23, 2019

प्रज्ञा ठाकुर ने नामांकन भरा, कहा- मैं महिला उत्पीड़न का प्रत्यक्ष प्रमाण हूं

भोपाल. भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मंगलवार को नामांकन भरा। प्रज्ञा ने सोमवारा में अपनी पहली चुनावी सभा की। इसके बाद रोड शो निकाला। प्रज्ञा ने सभा में कहा- मैं महिला उत्पीड़न का प्रत्यक्ष प्रमाण हूं। मुझे अलग-अलग तरह से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने सोमवार को भी शुभ मुहूर्त देखकर नामांकन का पहला सेट दाखिल किया था।

रोड शो के दौरान एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाने की कोशिश की। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई कर दी। झंडा दिखाने वाले युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

सनातन संस्कृति पर हमला होता है तो संतों को आगे आना पड़ता है- प्रज्ञा
प्रज्ञा ने जनसभा में कहा- जब सनातन संस्कृति पर हमला होता है तो संतों को आगे आना पड़ता है। इसलिए मैं भोपाल से चुनाव लड़ रही हूं। उन्होंने (कांग्रेस) भगवा को आतंकवाद कहा। हिंदुत्व विकास का पर्याय है। ऐसे में मैं हिंदुओं की तकलीफों को जानती हूं और उनकी सुरक्षा के लिए कड़ा कानून लाने के लिए जो करना पड़े, वो करूंगी। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सोमवार को शुभ मुहूर्त में दो सेट नामांकन दाखिल किए थे। इस दौरान 11 पंडितों ने स्वस्तिवाचन किया था।

प्रज्ञा के रोड शो में शामिल हुए हजारों साधु-संत
प्रज्ञा की सभा और रोड शो में शामिल होने आए अधिकांश लोग केसरिया रंग के कपड़े पहने थे और नेता भगवा साफा बांधे हुए थे। रोड शो में शामिल होने के लिए हजारों साधु प्रदेश के कई स्थानों से आए थे। रोड शो के चलते पुराने भोपाल में ट्रैफिक जाम हो गया।

संजर ने भी भरा पर्चा
प्रज्ञा के नामांकन के बाद भोपाल से मौजूदा सांसद आलोक संजर ने भाजपा के डमी प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा है। बताया जा रहा है कि हर राजनीतिक दल अपने मुख्य उम्मीदवार के साथ एक डमी उम्मीदवार से पर्चा दाखिल कराता है। अगर किसी वजह से मुख्य उम्मीदवार का नामांकन रद्द होता है तो उसका डमी उम्मीदवार पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सके।

प्रज्ञा के चुनाव लड़ने के खिलाफ याचिका
मालेगांव ब्लास्ट की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। इस पर एनआईए ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। एजेंसी ने कहा है कि यह मामला चुनाव आयोग से संबंधित है। यह हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

Wednesday, April 10, 2019

मध्यप्रदेश में आयकर विभाग को मिले 'कालेधन' के वायरल वीडियो का सच

ट्विटर पर दक्षिणपंथी रुझान वाले कुछ लोग एक पुराने वीडियो को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सचिव के घर बरामद हुए नोटों का बताकर शेयर कर रहे हैं और ये दावा कर रहे हैं कि आयकर विभाग का छापा पड़ने के बाद नोटों के ढेर को जलाने की कोशिश की गई थी.

इस वीडियो में गुलाबी नोटों का एक ढेर छोटी ट्रॉली पर रखा हुआ दिखाई देता है और दूसरी तरफ़ रखे हरे-गुलाबी नोटों के ढेर को देखकर लगता है कि किसी ने उसमें आग लगाने की कोशिश की हो.

आयकर विभाग ने शनिवार रात क़रीब ढाई बजे मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और उनके पूर्व सलाहकार आर के मिगलानी के कई ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की थी.

आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार बीते दो दिनों में भोपाल, इंदौर, गोवा और दिल्ली-एनसीआर के 52 ठिकानों पर इस संबंध में छापे मारे गये हैं.

आयकर विभाग का दावा है कि छापेमारी में उन्हें 14.6 करोड़ रुपये नक़द में मिले हैं. साथ ही एक बड़े रैकेट के ज़रिए 281 करोड़ रुपये के अवैध लेनदेन का पता चला है.

लेकिन जिस वायरल वीडियो को आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद का बताया जा रहा है, वो फ़र्ज़ी है.

क़रीब 60 हज़ार बार उनके ट्वीट में लगा यह वीडियो देखा जा चुका है. सैकड़ों लोग इसे शेयर कर चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली बीजेपी के महासचिव कुलजीत सिंह भी इस यूज़र को ट्विटर पर फ़ॉलो करते हैं.

जिन्होंने इसे कॉपी किया है, उनमें से अधिकांश लोगों के नाम के साथ 'चौकीदार' लिखा हुआ है.

बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर चलाए गये 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन के बाद पार्टी के समर्थकों ने अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ा था. हालांकि इनमें से कितने अकाउंट फ़र्ज़ी हैं और कितने सही, बीबीसी इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं कर सकता है.

ट्विटर के अलावा दक्षिणपंथी रुझान वाले 'नमो फ़ैन' और 'नरेंद्र मोदी 2019' जैसे फ़ेसबुक पन्नों पर भी यह वीडियो इसी ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया है.

कई लोगों ने वॉट्सऐप के ज़रिए बीबीसी को यह वीडियो भेजा है और इस वीडियो की हक़ीक़त जाननी चाही है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो फ़रवरी 2018 का है.

वीडियो में नोटों का जो ढेर दिखाई देता है वो दरअसल कला का एक नमूना है जिसे लकड़ी के बोर्ड पर पेंसिल से रंग भरकर स्पेन के कलाकार अलेजांद्रो मोंगे ने अपने हाथों से तैयार किया था.

स्पेन में होने वाले 'आर्ट मैड्रिड फ़ेयर' में 21 से 25 फ़रवरी 2018 के बीच इस आर्ट पीस को जनता के सामने रखा गया था.

समाचार एजेंसी एएफ़पी को दिए एक इंटरव्यू में अलेजांद्रो मोंगे ने बताया था कि आर्ट फ़ेयर में आए किसी दर्शक ने यह वीडियो बनाया था.

इंस्टाग्राम पर अलेजांद्रो मोंगे ने इस आर्ट पीस से जुड़े कई फ़ोटो और वीडियो शेयर किये हुए हैं.

इसी साल फ़रवरी में अलेजांद्रो मोंगे ने यह वीडियो दोबारा इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था और लिखा था कि वीडियो में दिख रहे 500 यूरो के नोट हाथ से पेंट किये गए थे.

उन्होंने लिखा था, "इंटरनेट पर कहाँ की चीज़ कहाँ जाकर वायरल हो जाये, इसका पता नहीं लगाया जा सकता. लोगों को सच्चाई पता नहीं होती पर वो उसे शेयर करने लगते हैं."

यह पहली बार नहीं है जब इस वीडियो को किसी घटना से जोड़ा गया है.

भारत से पहले रूस, कैमरून, स्पेन और पाकिस्तान में भी इस वीडियो के आधार पर कई बेबुनियाद दावे किए गए हैं और 'नोटों के ढेर' की इस पेंटिंग को किसी संस्था या शख़्स के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा चुका है.

Tuesday, April 2, 2019

गूगल इंडिया के हेड राजन आनंदन का इस्तीफा, इस महीने के अंत में कंपनी छोड़ेंगे

बेंगलुरु. गूगल के साउथ ईस्ट एशिया और इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट राजन आनंदन ने इस्तीफा दे दिया है। वो इस महीने के अंत में कंपनी छोड़ देंगे। गूगल एशिया पैसिफिक के प्रेसिडेंट स्कॉट बेयोमॉन्ट ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सिक्योइया कैपिटल से जुड़ेंगे राजन

गूगल छोड़ने के बाद राजन वेंचर फंड कंपनी सिक्योइया कैपिटल जॉइन करेंगे। इस फर्म के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेन्द्र जे सिंह ने लिंक्ड-इन पोस्ट में कहा है कि राजन लीडरशिप टीम का हिस्सा बनेंगे। राजन का कई स्टार्पअप कंपनियों में निवेश भी है।

राजन 8 साल से गूगल में थे। इससे पहले 2010 तक वो माइक्रोसॉफ्ट के साथ जुड़े हुए थे। गूगल से उनके इस्तीफे की वजह पता नहीं चल पाई है। गूगल के कंट्री डायरेक्टर (सेल्स) विकास अग्निहोत्री, राजन की जगह गूगल इंडिया के अंतरिम हेड बनेंगे।

राजन डेल और मैकेंजी के साथ भी काम कर चुके हैं। 2017 में वो इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन चुने गए थे। 2016 में वो कैपिलरी टेक्नोलॉजीज के बोर्ड में शामिल हुए थे।

वॉशिंगटन. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि भारतीय सैटेलाइट के नष्ट होने से 400 टुकड़े हुए। ये अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। इसके चलते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) और उसमें रह रहे एस्ट्रोनॉट्स को खतरा पैदा हो गया है। भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल का टेस्ट किया था। इस दौरान 300 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को नष्ट करने में कामयाबी मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी दी थी।

'10 सेमी के 60 टुकड़े ट्रैक किए गए'
नासा प्रमुख जिम ब्राइडनस्टाइन अपने कर्मचारियों को संबोधित कर कर रहे थे। उन्होंने कहा, "हम भारतीय सैटेलाइट के टुकड़ों को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब तक हमने 10 सेमी या उससे बड़े 60 टुकड़ों को ट्रैक किया है।" यह सैटेलाइट आईएसएस से नीचे स्थित था।

ब्राइडनस्टाइन के मुताबिक, "24 टुकड़े आईएसएस के पास चक्कर लगा रहे हैं, यह खतरनाक साबित हो सकते हैं। चिंता की बात यह है कि सैटेलाइट नष्ट किए जाने के बाद मलबा आईएसएस के ऊपर पहुंच गया है। इस तरह की गतिविधियां भविष्य में मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए अच्छी साबित नहीं होंगी। यह हमें स्वीकार्य नहीं है। नासा का रुख इस मामले में काफी स्पष्ट है।"

वहीं, अमेरिकी सेना के मुताबिक- अब तक 10 सेमी से बड़े करीब 23 हजार टुकड़े ट्रैक किए गए हैं। ये टुकड़े मलबे के रूप में फैले हैं। इनमें 3 हजार टुकड़े 2007 में चीनी एंटी-सैटेलाइट टेस्ट में निकले थे।

नासा चीफ ने यह भी कहा कि आईएसएस से टुकड़ों के टकराने का खतरा 44% तक बढ़ चुका है। हालांकि यह खतरा समय के साथ कम हो जाएगा क्योंकि वायुमंडल में प्रवेश के साथ ही मलबा जल जाएगा।