Tuesday, April 2, 2019

गूगल इंडिया के हेड राजन आनंदन का इस्तीफा, इस महीने के अंत में कंपनी छोड़ेंगे

बेंगलुरु. गूगल के साउथ ईस्ट एशिया और इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट राजन आनंदन ने इस्तीफा दे दिया है। वो इस महीने के अंत में कंपनी छोड़ देंगे। गूगल एशिया पैसिफिक के प्रेसिडेंट स्कॉट बेयोमॉन्ट ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सिक्योइया कैपिटल से जुड़ेंगे राजन

गूगल छोड़ने के बाद राजन वेंचर फंड कंपनी सिक्योइया कैपिटल जॉइन करेंगे। इस फर्म के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेन्द्र जे सिंह ने लिंक्ड-इन पोस्ट में कहा है कि राजन लीडरशिप टीम का हिस्सा बनेंगे। राजन का कई स्टार्पअप कंपनियों में निवेश भी है।

राजन 8 साल से गूगल में थे। इससे पहले 2010 तक वो माइक्रोसॉफ्ट के साथ जुड़े हुए थे। गूगल से उनके इस्तीफे की वजह पता नहीं चल पाई है। गूगल के कंट्री डायरेक्टर (सेल्स) विकास अग्निहोत्री, राजन की जगह गूगल इंडिया के अंतरिम हेड बनेंगे।

राजन डेल और मैकेंजी के साथ भी काम कर चुके हैं। 2017 में वो इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन चुने गए थे। 2016 में वो कैपिलरी टेक्नोलॉजीज के बोर्ड में शामिल हुए थे।

वॉशिंगटन. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि भारतीय सैटेलाइट के नष्ट होने से 400 टुकड़े हुए। ये अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। इसके चलते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) और उसमें रह रहे एस्ट्रोनॉट्स को खतरा पैदा हो गया है। भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल का टेस्ट किया था। इस दौरान 300 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को नष्ट करने में कामयाबी मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी दी थी।

'10 सेमी के 60 टुकड़े ट्रैक किए गए'
नासा प्रमुख जिम ब्राइडनस्टाइन अपने कर्मचारियों को संबोधित कर कर रहे थे। उन्होंने कहा, "हम भारतीय सैटेलाइट के टुकड़ों को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब तक हमने 10 सेमी या उससे बड़े 60 टुकड़ों को ट्रैक किया है।" यह सैटेलाइट आईएसएस से नीचे स्थित था।

ब्राइडनस्टाइन के मुताबिक, "24 टुकड़े आईएसएस के पास चक्कर लगा रहे हैं, यह खतरनाक साबित हो सकते हैं। चिंता की बात यह है कि सैटेलाइट नष्ट किए जाने के बाद मलबा आईएसएस के ऊपर पहुंच गया है। इस तरह की गतिविधियां भविष्य में मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए अच्छी साबित नहीं होंगी। यह हमें स्वीकार्य नहीं है। नासा का रुख इस मामले में काफी स्पष्ट है।"

वहीं, अमेरिकी सेना के मुताबिक- अब तक 10 सेमी से बड़े करीब 23 हजार टुकड़े ट्रैक किए गए हैं। ये टुकड़े मलबे के रूप में फैले हैं। इनमें 3 हजार टुकड़े 2007 में चीनी एंटी-सैटेलाइट टेस्ट में निकले थे।

नासा चीफ ने यह भी कहा कि आईएसएस से टुकड़ों के टकराने का खतरा 44% तक बढ़ चुका है। हालांकि यह खतरा समय के साथ कम हो जाएगा क्योंकि वायुमंडल में प्रवेश के साथ ही मलबा जल जाएगा।

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